What is Insomnia?
Insomnia एक स्लीपिंग डिसऑर्डर है जिसकी वजह से नींद नहीं आती है| ठीक स्व नींद नहीं आना भी एक तरह की बीमारी है जिसकी वजह से आपका पूरा दिन बेकार हो जायेगा|Insomnia कोई मामूली बीमारी नहीं है|ये प्रॉब्लम किसी को भी ज़िन्दगी में कभी भी हो सकती है|
फिजिशियन और साइकोलोजिस्ट के हिसाब से Insomnia आज बहुत ही आम बीमारी है|स्पेशलिस्ट की मने तो ये अपने आप में कोई बीमारी नहीं है| इन्हेरेंट बिहेविअर इस प्रॉब्लम का रीज़न है|रिसर्च के हिसाब से इस तरह की प्रॉब्लम शहरों में बदलती लाइफस्टाइल है|Insomnia की वजह से बहुत से दुसरे प्रोब्लेम्स जैसे की डिप्रेशन,घबराहट, self confidence की कमी जैसे जैसे परेशानियों को जन्म देता है|
Insomnia को समझना बहुत ही ज़रूरी है क्यों की ये दुसरे तरह की बीमारयों की वजह बनता है|क्यूंकि ठीक तरह से नींद न आने से दूसरी तरह की बिमारयां भी हो जाती है|
क्या आपको पता है के Insomnia अवेयरनेस डे जैसे भी कोई चीज़ है|जो के 10 मार्च को सेलिब्रेट की जाती है|अमेरिकन अकादमी ऑफ़ स्लीप मेडिसिन के एक report के हिसाब से लाखो लोग नींद न आने की बीमारी से जूझ रहे है|
- 30% से 35% लोगों को insomnia का ब्रीफ symptoms है|
- 15% से 20% लोगों को शोर्ट टर्म insomnia है| जो तीन महीने से भी कम रहता है|
- 10% को क्रोनिक insomnia डिसऑर्डर है| जो कम से कम तीन महीने हर वीक कम से कम तीन बार होता है|
Symptoms ऑफ़ insomnia
- सोने में दिक़त या नींद में दिक़त – सोने में 30 मिनट से ज्यादा लगना|
- पूरी रात सोने में दिक़त होना – रात के वक़्त नींद के बिच में जागना जो 30 मिनट से ज्यादा वक़्त तक चलता है|
- फ्रैग्मेण्टेड नींद
- जल्दी नींद का खुलना – 6 घंटे से कम नींद का आना|
- थोरी देर की नींद के बाद फिर देर से नींद आना
- थोरे से हल्ले में ही नींद का टूट जाना
अगर ये symptoms कभी कभी होता है तीन जफ्ते से एक महीने तक तो ये occasional insomnia हो सकता है|लेकिन अगर ये symptoms टाइम के साथ रह जाता है तो ये क्रोनिक insomnia हो सकता है|
हमारे हेल्थ पे और मेंटल परफॉरमेंस पे Insomnia बहुत बुरा असर डालता है|नींद और नींद की कमी की वजह से पूरे दिन बहुत क्लियर रिजल्ट सामने आते है| छोटी और ख़राब नींद की वजह से बहुत से प्रॉब्लम पैदा हो जाते है|इन Symptoms का अर्ली डिटेक्शन सही ट्रीटमेंट लेने के लिए ज़रूरी है|
Insomnia के परिणाम
Insomnia का प्रभाव दिन में 24 घंटे रहता है| ज्यादा तर लोग जो इस बीमारी से suffer कर रहे है वो पहले से ही जानते है के नींद की कमी परेशान करने वाली हो सकती है| और आपके ज़िन्दगी की quality को प्रभावित कर सकती है|नींद की कमी का बॉडी, दिमाग के function और रोजमर्रा की जिंदगी में प्रदर्शन पर नकारात्मक असर परता है| इसके अलावा, ये परिणाम उन व्यक्तियों के लिए विज़िबल हैं जो इससे पीड़ित हैं और उनके आस-पास के लोगों के लिए, इसलिए यह हमारे रोज़ मरह की ज़िन्दगी को गहराई से प्रभावित करता है।
नींद की कमी हमारे बॉडी में चेंज का रीज़न बनती है|जबकि पहले असर हल्के होते हैं, ऐसे ही वो ख़राब इस्थिति तक पहुँच जाते है और अंत में एक बहुत ही सीरियस डिसऑर्डर बन सकते है|यह ज़रूरी है के हम शरुआत के ही symptom पे अलर्ट हो जाएँ| Presently बहुत इफेक्टिव non-pharmacological स्लीप ट्रीटमेंट है, जो रूट प्रॉब्लम को address करते हुए अनिद्रा के परिणामों को कम करने में मदद कर सकती हैं।
Insomnia के कुछ परिणाम
- मेमोरी का कम होना
- कम जागरूकता
- अच्छे निर्णय लेने में कठिनाई
- मूड में गंभीर बदलाव
- पूरे दिन गफलत थकन और कमज़ोरी
- क्रिएटिविटी में कमी
- पूरे दिन एक्टिव फील करने में में असमर्थ रहना
काउज़ेज़ ऑफ़ Insomnia
Insomnia के बहुत से काउज़ेज़ है उनमे से बहुत कॉमन निचे दिए गये है|
Physiologicalऔर external causes: हमारी जीवनशैली और एनवायरनमेंट से प्रेरित है| नींद की क्वालिटी काफी हद तक हमारी नींद की आदतों और रूटीन पे डिपेंड करता है|हर दिन सोने का वक़्त अलग अलग होना एक unhealthy लाइफस्टाइल का होना| कोई exercise नहीं करना और सोते वक़्त हैवी डिनर का लेना आदि हमरे ख़राब नींद का कारन हो सकती है|
मेडिकल काउज़ेज़: कुछ मेडिकल reasons है जो insomnia से ग्रस्त होने का रेसों हो सकते है|
Psychological काउज़ेज़: फीलिंग्स , इमोशन और थॉट हमारे ज़ेहन के लिए stimulant का कम करते है इसलिए स्ट्रेस या कोई और पर्सनल इवेंट्स insomnia पैदा कर सकती है|
Psychiatric काउज़ेज़: जैसे डिप्रेशन, anxiety etc
निवारण और उपचार
हमें insomnia से बचने के लिए क्या करना चाहए| अगर हम किसी भी टाइप की स्लीपिंग प्रॉब्लम के शिकार है तो हमें सबसे पहले ये जानना चाहए के इसका रीज़न क्या है| इसका मतलब है कि हमें अपनी आदतों को एनालाइज करना चाहिए और यदि कोई करण ऐसा हो जिसे सुधार की ज़रूरत हो तो उसे सुधारना चाहए|यह भी इम्पोर्टेन्ट है कि हमें अपने नेगेटिव सोच को सुधारने की कोशिश करनी चाहए, क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य मन को एक्टिवेट करना है, जो आखिर कार हमारी प्रोब्लेम्स को बढ़ाता है।
नियमित सोने का समय और: नियमित schedule रखने और लगातार बने रहने की कोशिश करें। अगर आप इसके आदि नहीं है तो शरुआत में कुछ दिक्क़त होंगी लेकिन अगर हम अनिद्रा का मुकाबला करना चाहते हैं तो हमें नियमित नींद का वक़्त फिक्स करने की कोशिश करनी होगी|
दिन में सोना: कोशिश करें के दिन में ना सोयें ये आपकी रत के नींद को ख़त्म कर देगा|
एक्टिव रहे: एक्सरसाइज करें ताकि app थके जो आपको रत में अच्छी नींद का रेसों बन सकती है|
लाइट डिनर: रात में ज़्यादा न खाने की गुंजाईश नहीं होती है|क्यूंकि दिगेस्तिओं मुश्किल हो सकता है जो आपको नींद न आने की वजह बन सकती है|
शुगर और कैफ़ेटीन वाले द्रिंग्स को अवॉयड करना: आपको किशिश करनी चाहए के आप रात को कॉफ़ी, टि, और एनर्जी ड्रिंक्स को अवॉयड करें|
बेड पे जाने से पहले स्ट्रेस वाली कोई एक्टिविटी न करें: ये आपके ज़ेहन को ज्यादा एक्टिव बना सकता है|
अपना phone टेबलेट लैपटॉप को बिस्तर पे जाने से करीब एक घंटे पहले से यूज़ न करें: बहुत साडी स्टडी में ये पता चला है के इन डिवाइस से निकलने वाली लाइट हमें सोने नहीं सेती है|
बिस्तर पे तभी जाएँ जब आप नींद महसूस करें: अगर आप बिना नींद के बिस्तर पे जायेंगे तो शायद आप सो नहीं पाएंगे जो आपको और ज्यादा frustrate करता है|
बिस्तर पे बुक लेकर जाएँ: बुक पढ़ना एक बहुत ही अच्छा काम है जो हमें सोने के वक़्त करना चाहए|ये एक सब से ज्यादा इफेक्टिव वे है बाकी दुसरे उपायों से नींद को जल्दी लाने का जो के prove किया हुआ है|
अगर ये सब कुछ करने के बाद भी आपकी प्रॉब्लम दूर नहीं हो रही है तो आपको professional से कंसल्ट करना चाहए|