संघर्स हमारे लिए एक जाना माना शब्द है जिस से हर इन्सान अपनी ज़िन्दगी में अये दिन गुज़रता है|ज़िन्दगी में आने वाली समस्याओ का सामना करने का नाम संघर्ष है|और जो इस संघर्ष में पूरा होता है वही सफल कहलाता है|किसी विचारक ने क्या खूब कहा है के यदि आप ज़िन्दगी में संघर्ष से भाग रहे है तो आप की सफलता की चांसेस कम हो जाती है|संघर्ष कैसे करें के कामयाब हो हम , किसी ने सही कहा है के हमारी समस्याएं अलग हो सकती है पर सभी को अपने हिस्से का संघर्स करना ही परता है बस किसी को ज्यादा तो किसी को कम लेकिन करना सब को परता है|जिस ने संघर्ष करना छोर दिया वो मरे हुआ जैसा हो गया|
संघर्ष कैसे करें
जीवन में हर एक चीज़ के साथ संघर्ष है खुद के साथ परिस्थितियों के साथ और न जाने किन किन चीजों के साथ जीवन है तो संघर्ष है|हमें तरह तरह की समस्याओं का सामना अये दिन करना होता है और इनसे जूझना होता है|किसी ने क्या खूब कहा है जीवन संघर्ष है और इस संघर्ष का सामना करने से जो कतराते है वो जीवन में हार जाते है| सफलता की चाहत किसे नही होती अपनी ज़िन्दगी में सब सफल होना चाहते है लेकिन उस सफलता के रस्ते में आने वाले संघर्ष से कतराते है|
मिलने वाली सफलता सब को आकर्षित करती है पर उस सफलता को पाने वाले संघर्ष को कोई नहीं देखता जितनी बड़ी सफलता होती है उतनी ही बड़ी संघर्ष भी उसके साथ जुडी रहती है|अगर हम उस सफलता के पीछे की कारन को देखेंगे तो उसके पीछे संघर्ष ही सब से अहम् रोल प्ले करता है|जितनी बड़ी सफलता उतनी बड़ी संघर्ष|
हमारे पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने बहुत सुन्दर बात कही थी “हमारे ज़िन्दगी में संघर्ष का आना बहुत ज़रूरी है अन्यथा हम सफलता का सही स्वाद नहीं ले पाएंगे”
दरअसल संघर्ष हमें भविष्य के लिए तैयार करता है इसलिए इसे हमें सकारात्मक रूप से लेना चाहए|जब संघर्ष की बात की जा रही तो फिर हम एवेरेस्ट पे चढ़ाई की संघर्ष की बात क्यों न करे जो की एक अत्यंत कठिन कम है| ये चढ़ाई कितने संघर्षो से भरा हुआ है ये तो सिर्फ उस चोटी पे चढ़ने वाले ही बता सकते है|और उसके बाद जो उनकी कामयाबी का आनंद कोई उनसे पूछे|अये जाने एवेरेस्ट पे चढ़ने वाली पहली महिला junko tebei का क्या कहना है अपनी कामयाबी के बारे में
वो कहती है “दुनिया के विभिन्न मंचों पर सम्मानित होना अच्छा लगता है, लेकिन यह अच्छा लगना उस अच्छा लगने की तुलना में बहुत कम है, जिसकी अनुभूति मुझे एवरेस्ट पर कदम रखने के समय हुई थी, जबकि वहां तालियाँ बजाने वाला कोई नहीं था । उस समय हाड़ कंपकंपाती बरफीली हवा, कदम-कदम पर मौत की आहट, लड़खड़ाते कदम और फूलती साँसों से संघर्ष के बाद जब मैं एवरेस्ट पहुँची तो यही लगा कि मैं दुनिया की सबसे खुश इंसान हूँ ।”
ये सच है के जब इन्सान किसी लक्ष्य को पाने के लिए संघर्ष को गले लगा लेता है तो उस से दोस्ती कर लेता है तो फिर ये संघर्ष भी उस को अपनी डगर पे चल कर कामयाबी तक पहंचने में उसका साथ देने लगता है|और जब कोई इन्सान इसे जबरन अपनाता है|बेरुखी के साथ इस पे चलता है तो संघर्ष भी उस इन्सान के साथ इस मार्ग पे ज़यादा दूर तक नहीं चल पाती है और ऐसे ही लोग ज़िन्दगी में असफल रह जाते है|
जब हम संघर्ष करते है तभी हमें अपने बल और योग्यता का पता चलता है| संघर्ष हमें आगे बढने का हौसला देता है हमें कॉंफिडेंट बनाता है और आखिरकार हम अपनी कामयाबी को हासिल कर लेते है|दोस्तों किसी विचारक ने क्या खूब कहा है के-समस्याएं वाशिंग मशीन की तरह होती है जो हमें कपरे की तरह घुमती है खंगालती है निचोरती है और सुखा के बहार निकाल देती है जिसके बाद हम बिलकुल साफ सुथरे और चमकते हुए निकलते है|
अगर हम विचारक की इस बात को समझ जाये तो कठिनायों के वक़्त हमारे होंटों में मुस्कराहट होगी कुंके हमें पता होगा के अगर हम इस पे डटे रहे तो हम कामयाब हो कर ही इस से बाहर होंगे और वो दिन हमारी कामयाबी का दिन होगा|