अगर आप वेब डिजाइनिंग के बारे में थोरा भी जानते है तो अपने Front एंड और Back एंड का नाम ज़रूर सुना होगा| वेब इंडस्ट्री में सबसे ज़्यादा सुने जाने वाला टर्म Front एंड और Back एंड है|
Front एंड और Back एंड क्या होता है
ये आपके लिए थोरा frustrating हो सकता है के Front एंड और Back एंड के बिच का डिफरेंस हमेशा clear नहीं होता है| ये शब्द अक्सर वेब इंडस्ट्री के पह्लुयों को बताने के लिए यूज़ किये जाते हैं|
Front एंड को client side भी कहा जाता है और कभी कभी इसे वेब डिज़ाइन माना जाता है| वेब इंडस्ट्री के BACK एंड को सर्वर साइड कहा जाता है| अक्सर जब कोई कहता है के वो वेब डेवलपर है तो इसका मतलब है के वो साईट के Back एंड पे काम करता है|
किसी भी वेबसाइट के लिए Front एंड और Back एंड दोनों important है| जबकि Front एंड और Back एंड का डेवलपमेंट यक़ीनी तौर पे एक दुसरे से अलग है| वे एक ही सिक्के के दो साइड की तरह है| एक वेबसाइट की फंक्शनलिटी दोनों पक्ष पर एक यूनिट की तरह डिपेंड करती है के वो कैसे एक दुसरे के साथ कम्यूनिकेट और ऑपरेट कर रहे है| इनमेसे कोई एक दुसरे से ज्यादा इम्पोर्टेन्ट नहीं है| दोनों वेब डेवलपमेंट में equally इम्पोर्टेन्ट रोल प्ले करते है|
Front एंड डेवलपमेंट
वेबसाइट का Front एंड वह होता है जिसे हम ब्राउज़र पे देख सकते है और उसके साथ interact भी कर सकते है|Front एंड वो सबकुछ है जिसे यूज़र देखता है जो उस से जुरा होता है| जिसमे वेबसाइट का डिज़ाइन है और कुछ लैंग्वेजेज़ है जैसे HTML CSS और javascript.
Front एंड को हम कह सकते है के ये वेबसाइट के डिजाईन के लिए रेस्पोंसीबल है| किसी भी वेबसाइट का Front एंड कोड के बारे में कम और उसके इंटरफ़ेस के बारे में ज्यादा होता है के कोई यूजर उसे देख कर क्या अनुभव करता है| किसी कंपनी के फ्रंट एंड जॉब का टाइटल ‘web designer’ होता है| फ्रंट-एंड डिज़ाइनर या डेवलपर बिना किसी बैक-एंड डेवलपमेंट के साइट बना सकता है|
जो साईट बिना किसी भी back एंड के यूज़ से बनता है उसे static साईट कहते है| static साईट किसी भी डेटा को डेटाबेस में स्टोर नहीं करता है|
Back एंड डेवलपमेंट
बैक एंड और server side बेसिकाली साईट कैसे काम, अपडेट और चेंज करता है उसके बारे में है| ये उन तमाम चीज़ों के बारे में है जिन्हें यूज़र ब्राउज़र में नहीं देखता है जैसे की डेटाबेस और सर्वर| आम तौर पर जो लोग back एंड पे काम करते है उन्हें प्रोग्रामर या डेवलपर कहा जाता है| Back एंड डेवलपर ज़्यादा तर सिक्यूरिटी, स्ट्रक्चर और कंटेंट मैनेजमेंट के लिए ज़िमेदार होते है|
बैक एंड डेवलपर आम तौर पे HTML और CSS जानते है पर ये उनके यक़ीनी तौर पे उनके concern की चीजें नहीं होती है| Back एंड डेवलपर की ज़रुरत dynamic साईट बनाने के लिए हो सकती है| Dynamic साईट वो साईट होते है जिनका कंटेंट चेंज होता रहता है| ज़्यादातर साईट Dynamic ही होते है जैसे के फेसबुक, गूगल मैप| Dynamic साईट को properly वर्क करने के लिए डेटाबेस की ज़रुरत होती है|
वेब डेवलपर आम तौर पे PHP और .NET पे काम करते है| क्योंके उन्हें वैसा कुछ समझने की ज़रुरत है जिसे डेटा बेस समझता हो| जो कोड डेवलपर लिखते है वो सर्वर से कम्यूनिकेट करता है और ब्राउज़र को डेटाबेस से क्या यूज़ करना है ये बताता है|
उम्मीद है के अब तक आप वेब इंडस्ट्री में Front एंड और Back के डिफरेंस को कुछ समझ गए होंगे|अगर आप अभी भी कंफ्यूज है तो बस इतना समझ लीजये के फ्रंट एंड browser से रिलेटेड है और सब कुछ जो ब्रौज़र को दिया जाता है| जैसे की नाम एड्रेस| और अगर हमें डेटा बेस से रिलेटेड कुछ करना है तो वो Back एंड कहलाता है|